गुरुवार, 29 मई 2008

नमन मेरा स्वीकार करें

ब्लॉग जगत के सभी साथियों को मेरा वंदन-अभिनंदन। मेरी मनोभावनाएं भी अब आपको सुलभ हो सकेंगी। आवश्यक मागॅदशॅन कर प्रोत्साहित करते रहेंगे सभी, इसी आशा के साथ - तरुण जैन।